बयासरन घाटी में बड़ा आतंकी हमला, कई विदेशी और भारतीय पर्यटक घायल। पहलगाम
दक्षिण कश्मीर के पहलगाम के पास स्थित बयासरन घाटी में मंगलवार दोपहर को भीषण आतंकी हमला हुआ। इस खूबसूरत जगह को “मिनी स्विट्जरलैंड” कहा जाता है, जहां पर्यटक ट्रैकिंग और पिकनिक का लुत्फ उठाने आते हैं। लेकिन इस दिन घाटी की शांति गोलियों की तड़तड़ाहट से हिल गई।
कहां हुआ हमला? – बयासरन घाटी, पहलगाम
बयासरन घाटी श्रीनगर से 90 किलोमीटर और पहलगाम से 6 किलोमीटर दूर स्थित है। यह जगह ट्रैकिंग के लिए मशहूर है और तुलियान झील का रास्ता भी यहीं से शुरू होता है। पर्यटक यहां खच्चरों या पैदल ही पहुंचते हैं।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की भयावह तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं। यह हमला हर दृष्टि से निंदनीय है।
घायलों के तत्काल उपचार के लिए देश की सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सेवाएं और सुविधाएं तुरंत सुनिश्चित की जानी चाहिए। सभी के स्वास्थ्य और अच्छे जीवन की हार्दिक शुभकामनाएँ।… PIC.TWITTER.COM/BXLWAC9FVL
— AKHILESH YADAV (@YADAVAKHILESH) अप्रैल 22, 2025
घटना के समय घाटी में अलग-अलग राज्यों से आए पर्यटक और विदेशी पर्यटक मौजूद थे। कुछ लोग खाना खा रहे थे, तो कुछ मैदान में बैठकर पिकनिक मना रहे थे। पर्यटक खच्चरों पर सवार थे और कुछ झील की ओर ट्रेकिंग के लिए निकले थे।
दोपहर करीब 3 बजे सेना की वर्दी पहने आतंकवादी घने जंगलों से निकले और पर्यटकों से पहचान पत्र मांगे।
धर्म के आधार पर पहचान कर हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया गया।
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इसमें कई पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी गई, कुछ विदेशी नागरिक भी घायल हुए।
इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन “द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF)” ने ली है। यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है। टीआरएफ का मुखिया शेख सज्जाद गुल पाकिस्तान में बैठा है। यह संगठन घाटी में डोमिसाइल नीति को लेकर बाहरी लोगों के खिलाफ भड़काऊ प्रचार कर रहा है।
आतंकवादी किश्तवाड़ के रास्ते आए और कोकरनाग के रास्ते बैसरन घाटी पहुंचे। स्थानीय लोगों के मुताबिक हमलावरों की संख्या करीब पांच थी। हमले के बाद आतंकी घने जंगलों और पहाड़ियों की ओर भाग गए। अभी तक उनकी गिरफ्तारी की कोई खबर नहीं है।
रेस्क्यू ऑपरेशन और स्थानीय लोगों की बहादुरी
घटना की सूचना मिलते ही सुरक्षा बलों और हेलीकॉप्टरों को मौके पर भेजा गया। स्थानीय लोगों और खच्चर चालकों ने घायलों को कंधों पर उठाकर मुख्य सड़क तक पहुंचाया। टूरिस्ट गाइड ने भी बहादुरी से काम किया।
14 फरवरी 2019: पुलवामा में आत्मघाती (पहलगाम) हमला, 40 जवान शहीद।
2000: अमरनाथ यात्रा बेस कैंप पर आतंकी हमला, 30 से ज्यादा की मौत।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस इस समय भारत के दौरे पर हैं, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश यात्रा पर हैं।
अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होनी है, हमला स्थल नुनवान बेस कैंप से महज 15 किलोमीटर दूर है।
इस हमले ने एक बार फिर कश्मीर घाटी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। “मिनी स्विट्जरलैंड” कही जाने वाली जगह पर इस तरह के आतंकी हमले से पर्यटन उद्योग और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ सकता है।